Quote:
Originally Posted by rajat vynar
दरअसल आप समझ नहीं पा रही हैं, सोनी जी। बुरा समय आने के बाद काम करने के बारे में सोचने और तड़पने से अच्छा है कि नियमित काम किया जाए। अच्छा-बुरा समय तो सभी का आता है, किन्तु काम न करने वालों के लिए बुरा समय लम्बा खिंच जाता है। नियमित काम करने वालों के लिए बुरा समय भी उतना बुरा नहीं होता। वैसे बुरा समय आने का मतलब ही यही होता है कि अब आपको काम करना चाहिए। इन सब झंझटों से बचने के लिए लोग काम में व्यस्त रहते हैं।
|
बात काम न करने की नहीं है रजत जी आपितु सिर्फ और सिर्फ काम में व्यस्त रहकर जीवन के आनंद को खो देने की हैं जैसा की यहाँ कहा गया है ...
हमारी जरूरत कितनी हैं और *हम पाना कितना चाहते हैं ???*
*इस बारे में सोचिए।*
क्या हमारी *अगली पीढ़ी कमाने में सक्षम नहीं है जो, हम उनके लिए ज्यादा से ज्यादा सेविंग कर देना चाहते हैं !?!*
क्या हम *सप्ताह में डेढ़ दिन अपने मित्रों, अपने परिवार और अपने लिए स्पेयर नहीं कर सकते ???*
क्या आप *अपनी मासिक आय का 5 % अपने आनंद के लिए, अपनी ख़ुशी के लिए खर्च करते हैं ???*
*सामान्यतः जवाब नहीं में ही होता है।*
*हम कमाने के साथ साथ आनंद भी क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ???*
आशा है अब आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया