Re: आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक-2013
आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक-2013 की मुख्य विशेषताएं
• विधेयक में बलात्कार की परिभाषा को व्यापक बनाया गया है.
• इस विधेयक में पीड़िता की मौत या उसके स्थायी रूप से मृत प्रायः हो जाने के मामलों में सजा को बढ़ाकर मृत्युदंड का प्रावधान है.
• सामूहिक बलात्कार के मामले में कम से कम सजा 20 वर्ष कर दी गई है और इसे बढ़ाकर आजीवन करने का प्रावधान है.
• महिलाओं के विरुद्ध अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों को दण्डित करने का प्रावधान है.
• महिला अपराध की सुनवाई बंद कमरे में किए जाने का प्रावधान है.
• सहमति से सेक्स की उम्र 18 वर्ष रखी गई.
• तेजाब फेंककर गंभीर नुकसान पहुंचाने, बुरी नियत से पीछा करने या देखने और यौन उत्पीड़न के अन्य मामलों में विशिष्ट सजाओं का प्रावधान हैं.
• तेजाबी हमला करने वालों को 10 वर्ष की सजा का भी कानून में प्रावधान किया गया है. इसमें पीड़ित को आत्म रक्षा का अधिकार प्रदान करते हुए तेजाब हमले की अपराध के रूप में व्याख्या की गई है.
• इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि सभी अस्पताल बलात्कार या तेजाब हमला पीड़ितों को तुरंत प्राथमिक सहायता या मुफ्त उपचार उपलब्ध कराएंगे और ऐसा करने में विफल रहने पर उन्हें सजा का सामना करना पड़ेगा.
• यदि दोषी व्यक्ति पुलिस अधिकारी है, लोक सेवक, सशस्त्र बलों या प्रबंधन या अस्पताल का कर्मचारी है तो उसे जुर्माने का प्रावधान है.
• कानून में भारतीय साक्ष्य अधिनियम में संशोधन किया गया है, जिसके तहत बलात्कार पीड़िता को, यदि वह अस्थायी या स्थायी रूप से मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हो जाती है, तो उसे अपना बयान दुभाषिये या विशेष एजुकेटर की मदद से न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराने की भी अनुमति दी गई है.
• इसमें कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने का भी प्रावधान किया गया है.
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