Re: हैप्टिक की मोबाइल मैसेजिंग सेवा
अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के बूते अकृत शिकागो में ही पढ़ाई में लगे रहे और जल्द ही उन्होंने खुद को परिवार से दूर ढाल लिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मोटोरोला और डेलोइट में प्रशिक्षण लिया और अपना व्यवसायिक सफर शुरू किया।
2008-09 के वर्षों में एप स्टोर के लाँच के साथ ही मोबाइल फोन की क्रांति का दौर आया। उन दिनों फ्लरी में बड़े पैमाने पर भर्तियां हो रही थीं और कई प्रयासों के बाद भी अकृत वहां नौकरी पाने में असफल रहे। हर प्रयास विफल होने के बाद वे फ्लरी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे और वहां संबंधित अधिकारियों से मिले। ‘‘बाकी सब अब इतिहास है। बाद में मुझे बताया गया कि मेरी दृढता को देखते हुए कंपनी ने मुझे नौकरी दी।’’
जल्द ही अकृत के काम और लगन को देखते हुए फ्लरी के भारत में खुलने वाले दफ्तर की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई और वे मुंबई लौट आए। ‘‘उन दिनों फ्लिपकार्ट भारत में शुरू ही हुई थी और बहुत कम समय में वह काफी मशहूर हो गई थी। ऐसे में फ्लरी ने देखा कि भारत भविष्य का बाजार है और उन्होंने यहां पर विस्तार की जिम्मेदारी मुझे सौंपी।’’
भारत आने के बाद अकृत ने अपने तीन मित्रों के साथ मिलकर मोबाइल मैसेजिंग की दिशा में कुछ नया करने की ठानी। हालांकि यह तीनों मित्र उन दिनों अपनी-अपनी नौकरी भी कर रहे थे और खाली समय में एक मैसेजिंग एप भी तैयार कर रहे थे।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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