जयपुर साहित्य महोत्सव 2015
ज.सा.म. 2015 में गीतकार स्क्रिप्ट राइटर प्रसून जोशी
अपने गीतों के लिए विख्यात तथा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार प्रसून जोशी ने इस बार पुनः महोत्सव में शिरकत की. दिल्ली के साथ उनके रोमांस की बात चली तो उन्होंने बताया कि बचपन से ही दिल्ली उनका एक भाग रहा है. उन्होंने रात बिरात भागम-भाग में यहाँ फ़िल्में देखी हैं. ढाबों के खाने का आनंद लिया है. अपनी जवानी के दिनों में उन्होंने अपनी लाइफ़ को खूब एन्जॉय किया है. ‘नो वन किल्ड जैसिका’ फिल्म जो 2011 में प्रदर्शित हुई थी, में दिल्ली के बारे में उनका एक गीत था- यह दिल्ली है मेरे यार. उसके बाद आयी फिल्म ‘दिल्ली-6’ में भी उन्होंने दिल्ली की संस्कृति को समेटने की अच्छी कोशिश की थी. उन्होंने अपनी रचनाओं यथा- माँ, ससुराल गेंदा फूल तथा सीखो ना नैनों की भाषा पिया- आदि का काव्य पाठ कर श्रोताओं का मनोरंजन किया.
जोशी का प्रारम्भिक समय उत्तराखंड में व्यतीत हुआ. वे बताते हैं कि उन्होंने बीटल्स का नाम भी बहुत बाद में सुना था. वे शास्त्रीय, लोक व पारंपरिक संगीत से अवश्य परिचित थे लेकिन उनमे इतना शब्द सामर्थ्य नहीं था कि अपने आपको गीतकार के रूप में ले पाते. यह रुझान तो प्रोफ़ेशनल जीवन में आने के बाद ही विकसित हुआ. 43 वर्षीय जोशी ने अपने नए प्रोजेक्ट के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया की आज कल वे एक पौराणिक विभूति पर बनने वाली फिल्म पर काम कर रहे हैं. निर्माणाधीन फिल्म “मर्गेरिटा, विद ए स्ट्रॉ ” के लिए भी गीत लिख रहे हैं. इस फिल्म में अभिनेत्री कल्कि कोयेचिन प्रमुख भूमिका में दिखाई देंगी.