Re: सिब्बल शिक्षा पद्धति से शिक्षा का हाल।
मेरे विचार इस विषय में तनिक कटु हैं, मित्र ! इसीलिए अक्सर मैं प्रतिक्रिया से बचता हूं ! दरअसल मैकाले से सिब्बल तक भारतीय शिक्षा क्षेत्र की असल जरूरियात को समझा ही नहीं गया ! बीच-बीच में रवीन्द्रनाथ ठाकुर और गिजु भाई जैसे कुछ प्रयास अवश्य हुए, किन्तु हकीकत यही है कि आज भी हम उस क्षेत्र (प्राथमिक शिक्षा) पर बजट में सबसे कम राशि का प्रावधान करते जा रहे हैं, जिस पर सबसे ज्यादा व्यय होना चाहिए ! प्रत्येक क्षेत्र के लिए भविष्य के नेतृत्व को तैयार करने वाले इस क्षेत्र की यह उपेक्षा हमें एक दिन बहुत भारी पड़ने वाली है, यह तय है ! इसे पश्चिम से प्रभावित सिब्बल तो कदापि नहीं समझ सकते ! सेंट स्टीफंस पर दबाव डाल कर उपस्थिति कम होने के कारण परीक्षा से वंचित किए जा रहे उन्मुक्त चन्द्र को परीक्षा के योग्य बनाने से ही काम नहीं चलेगा, देश का भविष्य बनाने के लिए कई पापड़ बेलने पड़ेंगे ! हां, यह अवश्य है कि मैं ग्रेड सिस्टम में बहुत अधिक बुराई नहीं पाता, लेकिन इसका वास्तविक लाभ तभी हासिल होगा, जब आप उच्च शिक्षा में मौजूद अनेक खामियों को दुरुस्त कर शिक्षा को रोजगारोन्मुख और जीवन के अनुकूल बनाएंगे, वरना बाबू तो यह पद्धति भी खूब पैदा कर ही रही है !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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