Re: गधा माँगे इन्साफ़
विष्णु ने क्रोधपूर्वक कहा- ’शर्माएगी तो सिंगल रह जाएगी। यह शर्माने का जमाना नहीं है। समझाओ अपनी नादान बहन को।’
लक्ष्मी ने भड़ककर क्रोधपूर्वक कहा- ’अपनी भोली-भाली नादान बहन को घास डालना सिखाऊँ? तुम्हारी खोपड़ी में गोबर भरा है, विष्णु। होश में आओ। नहीं जेबखर्च बन्द कर दूँगी। देवलोक में सुरा पीकर क्षीरसागर में शेषनाग पर चैन से खर्राटे लेकर सोने की सारी मस्ती निकल जाएगी।’
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