Re: मेरी पसंदीदा हिंदी फिल्में
जैसा की मैंने बताया फिल्म में मात्र १२ मेन किरदार थे. उन्ही के बीच संवाद चलता रहता था. मगर मजाल था जो दर्शक एक क्षण भी बोर हो, आज के फ़िल्मकार करोड़ों खर्च कर भी इतनी मनोरंजक और बढ़िया फिल्म नही बना पाते जो इस १२ किरदार वाली फिल्म ने कर दिखाया था
हालाँकि फिल्म भले ही रीमेक हो, लेकिन फिल्म के संवादों के ज़रिए वर्गीय पूर्वाग्रह को जो शानदार चित्रण किया गया है वह हमारे सामाजिक यथार्थ के बहुत करीब है.. और बारह के बारह कलाकारों ने क्या ज़बरदस्त अभिनय किया है... आप वाह-वाह किए बिना नहीं रह सकेंगे.. एक कमरे में फिल्मायी गई 15 मीटर रील की इस फिल्म को 2 घंटे 7 मिनट और 49 सेकेंड तक साँस रोके आप देखते रहते हैं.
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