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भारत ने ‘गीता’ का मुद्दा रूसी संघीय अधिकारियों के समक्ष उठाया
मॉस्को ! रूस में भारत के राजदूत अजय मल्होत्रा ने बताया कि हिंदू धर्मग्रंथ भगवद् गीता पर लगाई गई पाबंदी हटाने की मांग को भारत ने रूस के समक्ष जोरदार तरीके से उठाया है। ईसाई आर्थोडोक्स चर्च से जुड़े एक संगठन ने गीता को ‘चरमपंथी’ ग्रंथ करार दिया है। राजदूत मल्होत्रा ने कहा, ‘‘मॉस्को में भारतीय दूतावास ने इस मुद्दे को रूसी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने उठाया और अनुकूल और सकारात्मक हस्तक्षेप की मांग की।’’ रूस में तोम्स्क की एक अदालत ने भगवद् गीता पर प्रतिबंध लगाने की मांग संबंधी याचिका पर अपना फैसला 28 दिसंबर तक के लिए टाल दिया। साइबेरिया के तोम्स्क में हिंदू धर्मग्रंथ भगवद् गीता को चरमपंथी करार देते हुए ईसाई आर्थोडोक्स चर्च से जुड़े एक संगठन ने इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। यह मांग रूस में भगवान कृष्ण के श्रद्धालुओं और साइबेरिया के तोम्स्क में स्थानीय अधिकारियों के बीच हितों के टकराव को देखते हुए की गयी है। यहां पर मल्होत्रा और उनके मिशन ने इंटरनेशनल सोसाइटी आॅफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कान) की स्थानीय इकाई के प्रति सार्वजनिक तौर पर अपना समर्थन जताया है।
अदालत अपना फैसला सुनाने से पहले तोम्स्क क्षेत्र में मानवाधिकार पर रूस के लोकपाल (औम्बुड्समैन), मॉस्को और पिट्सबर्ग में इसके अनुयायी (जो लोग इस पांबदी को खत्म करने के पक्ष में हैं) की राय जानेंगे। यह मामला रूस में पंजीकृत एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन और स्थानीय प्रशासन के कानूनी संबंधों को लेकर है। इसके बावजूद मॉस्को में भारतीय दूतावास ने इस पर सार्वजनिक तौर पर समर्थन जताया है। मल्होत्रा ने रेखांकित किया कि मॉस्को में इस्कॉन के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है। वह 21 अगस्त को जन्माष्टमी उत्सव पर इस्कॉन मंदिर गए थे। इसके अलावा 24 सितंबर को भारत के पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय के साथ इस्कॉन मंदिर गए थे। पिछले जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर राजदूत मल्होत्रा ने गीता को एक अत्यंत महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ बताते हुए कहा था कि इससे आप भगवान कृष्ण के अर्जुन को दिए गए ईश्वर और मानवता की निस्वार्थ सेवा के संदेश के जरिए दुनिया को जान सकते हैं’’ तोम्स्क की अदालत के लिए अपने जवाब के तौर पर उन्होंने कहा है कि ए सी भक्तिवेदांता स्वामी प्रभुपाद द्वारा अनुदित गीता के बारे में उनका मानना है कि आप इससे स्वयं को जान सकते हैं। भारतीय मिशन ने मॉस्को में इस्कॉन से भी तोम्स्क के लिए एक श्रेष्ठ कानूनी पेशेवर की सहायता लेने को कहा हैै। ‘तोम्स्क डाट आरयू सिटी’ न्यूज पोर्टल के मुताबिक, तोम्स्क क्षेत्र में एक समुदाय की स्थापना से इस्कॉन के पीछे हटने की योजना को स्थानीय आर्थोडाक्स ईसाइयों और भगवान कृष्ण के अनुयाइयों के बीच टकराव का कारण माना जा रहा है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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