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rajnish manga
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Default Re: पौराणिक कथायें एवम् मिथक

द्रौपदी के मुकाबले विश्व इतिहास में दूसरी स्त्री नहीं
ओशो

एक छोटे से मजाक से महाभारत पैदा हुआ। एक छोटे से व्यंग से द्रौपदी के कारण जो दुर्योधन के मन में तीर की तरह चुभ गया और द्रौपदी नग्न की गई। नग्न की गई; हुई नहींयह दूसरी बात है। करने वाले ने कोई कोर-कसर न छोड़ी थी। करने वालों ने सारी ताकत लगा दी थी। लेकिन फल आया नहीं, किए हुए के अनुकूल नहीं आया फलयह दूसरी बात हे।

असल में, जो द्रौपदी को नग्न करना चाहते थे, उन्हों ने ख्याल रख छोड़ा था। उनकी तरफ से कोई कोर न थी। लेकिन हम सभी कर्म करने वालों को, अज्ञात भी बीच में उतर आता है, इसका कभी कोई पता नहीं है। वह जो कृष्ण की कथा है, वह अज्ञात के उतरने की कथा है। अज्ञात के हाथ है, जो हमें दिखाई नहीं पड़ते।

हम ही नहीं है इस पृथ्वीी पर। मैं अकेला नहीं हूं। मेरी अकेली आकांक्षा नहीं हे। अनंत आकांक्षा है। और अंनत की भी आंकाक्षा है। और उन सब के गणित पर अंतत: तय होता है कि क्याा हुआ। अकेला दुर्योधन ही नहीं है नग्नग करने में, द्रौपदी भी तो है जो नग्नउ की जा रही है। द्रौपदी की भी तो चेतना है, द्रौपदी का भी तो अस्तित्व है। और अन्याय होगा यह कि द्रौपदी वस्तु की तरह प्रयोग की जाए। उसके पास भी चेतना है और व्यक्तित्व है; उसके पास भी संकल्प है। साधारण स्त्री नहीं है द्रौपदी।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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