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Old 06-01-2014, 12:28 PM   #4
rajnish manga
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Default Re: मिखाइल कलाशनिकोव और उनकी राइफल

राइफल के गुण >> अवगुण

कल तक जो आम नागरिक थे वे अब कलाश्निकोव राइफल और हथगोले पाकर सहसा एक असली ताकत बन गए| रणभूमि पर पहले मशीनगनों और तेज़ी से गोले दागने वाली तोपों की बदौलत पश्चिमी जगत को जो श्रेष्ठता प्राप्त थी वह अब जाती रही| इस तरह कलाश्निकोव राइफल एके-47 तीसरी दुनिया के लिए औपनिवेशिक दासता से मुक्ति का हथियार और प्रतीक बन गई| इसी वजह से पश्चिमी प्रेस में इसका प्रचार बुरे लोगोंके हथियार की तरह होने लगा|

यह भी मानना होगा कि इस राइफल के डिज़ाइन के गुण ही इसकी प्रमुख समस्या भी बन गए| धीरे-धीरे यह राइफल वास्तव में बुरे लोगोंके हाथों में पहुंच गई| उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष करने वाले सेनानी जब उपनिवेशो के मुक्त हो जाने पर इतिहास के रंगमंच से चले गए तो भांति-भांति के कट्टरपंथियों, सभ्यता के मतांध विरोधियों, लड़ाकों और माफिया गिरहों ने ही एके को अपना लिया| आज़ाद हुए अफ्रीका में इस राइफल से ही कबीलों के बीच लड़ाइयां लड़ी जानें लगीं|

लेकिन इसके लिए राइफल को या उसके रचयिता को तो दोषी नहीं ठहराया जा सकता| मिखाइल कलाश्निकोव ने यह राइफल अपने देश की सेना के लिए बनाई थी, जो तब इतिहास के सबसे भयानक खूनी युद्ध से गुज़रा ही था| और यह हथियार सचमुच वैसा ही बना जैसा कि होना चाहिए: सरल, भरोसेमंद और इतना कारगर कि कल का स्कूल छात्र भी दो दिन की ट्रेनिंग पाकर यह रायफल लेकर लड़ाई के मैदान में उतर सके और शत्रु को हरा सके|

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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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