Re: पर्वतीय पर्यटक स्थल: ऊटी
दक्षिण भारत में ऊटी भी इसी तरह का स्थल है! इस हिल-स्टेशन को कुदरत ने सदाबहार ख़ूबसूरती से नवाज़ा है। गरमी हो या सर्दी, यहां हर मौसम में मस्ती, रोमांस, रोमांच का एक संपूर्ण पैकेज मौज़ूद रहता है। इस जगह पर आकर हमें तो काफ़ी सुकून भरे एहसास का अनुभव हुआ। जीवन के सफ़र की शुरुआत करने वालों के लिए तो यह एक बहुत ही हसीन जगह है, जहां रंग-विरंगे फूलों की कतारें, हरी चादर से ढकी धरती स्वप्नलोक सरीखी लगती है। इसमें कोई शक नहीं कि नवदंपत्ती के लिए एक-दूसरे को समझने, एक-दूसरे के लिए समर्पण की भावना जगाने, तथा एक-दूसरे के दिल की गहराइयों में जगह बना लेने में ऊटी की सुरम्य वादियां निश्चित रूप से मददगार साबित होती होंगी।
नीलगिरी की पहाड़ियों में बसी नगरी ऊटी को दक्षिण भारतीय ‘पर्वतों की रानी’ कहते हैं। नीलगिरी संसार के सबसे पुराने पर्वत श्रेणियों में से एक है। यह हिमालय से भी पुराना है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक की संधि-स्थल पर स्थित यह पश्चिमी घाटपर्वत श्रृंखला अपने विशिष्ट जैव-विभिन्नता के लिए जाना जाता है। 36 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला यह हिल स्टेशन समुद्र तल से 2,240 मीटर की ऊंचाई पर है। गर्मियों में यहां का औसत तापमान 10 से 25 c और जाड़े में 0 से 21 c होता है। यहां की सैर के लिए अप्रेल से जून और सितम्बर से नवम्बर अनुकूल मौसम होता है। गर्मी में तो हलके ऊनी वस्त्र से काम चल सकता है पर जाड़े में मोटे ऊनी वस्त्रों की ज़रूरत पड़ती है। यहां की सादगी भरी सुंदरता में ऐसा ग़जब का आकर्षण है कि यह देखने वालों को चकित कर देती है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 29-09-2014 at 02:58 PM.
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