04-12-2010, 12:50 AM
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#32
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फ्राड ही फ्राड
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Originally Posted by munneraja
एक बार यदि ये भी मान लिया जाये कि ये लोग वास्तिवक रूप में पैसा देते भी होंगे तो भी एक बात सोचने की है कि जिम्बाब्वे के डॉलर की कीमत ही क्या है ?
जहां बीस लाख डॉलर की ब्रेड का पेकेट आता हो तो साढ़े चार लाख डॉलर के मायने ही क्या हैं ??
यदि कहीं पर यु एस डॉलर या यु के पाउंड लिखा भी है तो इनको धन दिए ही जाओ इनके ये और वो खर्चे निकलते ही रहेंगे
मैं ऐसे ही एक व्यक्ति की कथा उद्घृत करूँगा जिसे मुंबई पुलिस ने बचाया.
वो बच गया क्योंकि भाग्यशाली था........
इंतजार कीजिये
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आपने सही कहा २००८ में वहां पर महंगाई कि वजह से १०००० डॉलर का नया नोट जारी किया गया था| जिससे सिर्फ एक ब्रेड का पैकेट ही खरीदा जा सकता है|
वहां पर मंहगाई का आलम ये है कि लोग नोटों में नहा रहे हैं फिर भी गरीबी है|
सबसे बड़ी बात, दादा लोग (बड़े बुजुर्ग) कहते हैं कि "लालच बुरी बाला (बला) है"|
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Self-Banned.
Missing you guys!
फिर मिलेंगे|
मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक||
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