Re: कृष्ण की लीलास्थली वृन्दावन / Vrindavan
वृन्दावन के प्रसिद्ध मंदिर व दर्शनीय स्थल
श्री रंगनाथ जी मन्दिर
श्री वृन्दावन का यह सबसे विशाल मन्दिर है। दक्षिण शैली के इस वैभवशाली मन्दिर का निर्माण सेठ श्री राधाकृष्ण, उनके बड़े भाई सेठ लक्ष्मीचन्द्र तथा उनके छोटे भाई सेठ गोविन्द दास जी ने अपने गुरु की प्रेरणा से कराया था। मूल मन्दिर में श्री रंगनाथ जी विराजमान हैं, लक्ष्मी जी उनके चरणों की सेवा कर रही हैं। सोने का साठ फुट ऊँचा खम्भा, सोने की मूर्तियाँ, विशाल रथ दर्शनीय है। चैत्र मास में यहाँ पर भव्य मेले का आयोजन होता है जिसमें एक दिन रंगनाथ जी रथ में सवार होते हैं।
कालीदह
यमुना जी में कालियानाग का एक कुण्ड था। उसका जल विष के कारण खौलता रहता था। उस विषैले जल के कारण, वृक्ष, गाय, पशु-पक्षी आदि सभी मर जाते थे। जब श्री कृष्ण ने देखा कि मेरी रमण स्थली को यह दुष्ट दूषित कर रहा है, तो श्री कृष्ण ने कदम्ब वृक्ष पर चढ़कर यमुना में छलांग लगा दी। श्री कृष्ण के चरणों की चोट से कालिया नाग की सारी शक्ति क्षीण हो गयी जिससे कालिया नाग श्री कृष्ण के शरणागत हो गया। अपनी शरण में आये कालिया नाग पर कृपा कर श्री कृष्ण ने उसे समुद्र में जाने का आदेश दिया।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 23-12-2015 at 09:38 PM.
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