Re: अगर कैलेंडर न होता तो ...
गुड़गांव स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनीष गुप्ता कहते हैं कि ‘कैलेंडर की जरूरत इसी बात से समझी जाती है कि हर व्यक्ति के पास आज मोबाइल फोन है और हर मोबाइल फोन में कैलेंडर है।’ उन्होंने कहा कि ‘जिंदगी में एक कैलेंडर की वही अहमियत है, जो घड़ी की है। समय को अपने दायरे में समेटने वाला आधुनिक कैलेंडर कई अहम पड़ावों से होकर गुजरा है और बार-बार सुधार की प्रक्रिया के बाद हमें वह कैलेंडर मिल पाया है, जो हमारे जीवन की विभिन्न प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है, लेकिन मुझे लगता है कि आने वाले समय में इसका स्वरूप और परिवर्तित होगा।’
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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