24-02-2014, 08:45 PM
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#40
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Re: दुनिया के सबसे खतरनाक रास्ते :.........
यहां के बाशिंदों को रोज लांघने पड़ते हैं मौत के रास्ते :...
यूं रूठ गई गोविंद की क़िस्मत :
अब नौजवान गोविंद सूर्या को ही लीजिए. आज से कोई आठ साल पहले गोविंद इसी तरह रेलवे पुलिस के ऊपर से स्कूल जा रहा था. लेकिन बीच रास्ते में जो कुछ हुआ, वो गोविंद के लिए कभी ख़त्म होने वाला दर्द बन कर रह गया. पीठ में बस्ता टांगे मासूम गोविंद अभी पुल के बीचों-बीच पहुंचा ही था कि अचानक सामने से ट्रेन के आ गई. अब ना तो वो पीछे लौट सकता था और ना ही आगे बढ़ सकता था. कुछ देर के लिए तो गोविंद की सांसें ही थम गई और अगले ही पल वो डर के मारे पुल के ऊपर से सीधे नीचे जा गिरा. गोविंद के रीढ़ की हड्डी टूट गई और वो नदी के बीच ही बेहोश हो गया.
पटरी पर मौत, पटरी पर ज़िंदगी :
गोविंद की ज़िंदगी तो बच गई, लेकिन उसके जिस्म के तमाम हिस्से अब भी ठीक से काम नहीं करते. पढ़ाई छूट गई और वो ज़िंदगी खुद पर बोझ बन गई. ये कहानी अकेले गोविंद की नहीं है, गोविंद के अलावा और भी बदकिस्मत हैं, जो इन पुलों का शिकार हो चुके हैं. इस गांव की एक बुजुर्ग महिला तो ट्रेन की टक्कर के बाद अपनी जान से ही चली गई, जबकि एक गर्भवती महिला ने दहशत के मारे पटरी के बगल में ही अपने बच्चे को जन्म दिया.
इतना होने के बावजूद आज़ादी से लेकर अब तक ना तो गांववालों को एक अदद पक्की सड़क मिली और ना ही उनकी किस्मत खुली. पांच किलोमीटर की एक सड़क बनाने में कितने दिन लगते हैं? एक महीना दो महीना या साल दो साल? लेकिन हमारे देश में इतनी ही लंबाई की एक सड़क ऐसी है, जो पिछले 66 सालों में नहीं बन सकी. लिहाज़ा जिन्हें इस सड़क से होकर गुज़रना था, वो रोज़ सिर पर कफ़न बांध कर सफ़र करते हैं :.........
साभार :.........
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