Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
मैं हरगिज़ यह नहीं चाहता कि मेरे घर के चारों ओर दीवारें उठा दी जायें और खिड़कियाँ बंद कर दी जायें. बल्कि मैं तो चाहता हूँ कि सभी स्थानों की संस्कृति की बयार जहां तक हो सके मेरे घर के चारों तरफ बेरोक-टोक बहती रहे. लेकिन उसे यह इजाज़त नहीं दी सकती कि वह मुझे उड़ा कर ही ले जाये.
(महात्मा गांधी)
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