Re: मियां बीवी live
अब बात बात में अपनी समस्या कैसे सारे देश कि समस्या बनने लगती है वो देखिये
“मैं तो नहीं उठाने वाली, पड़े रहो यहीं पे चारों खाने चित और हाँ...उसी ऊँचे सैंडिल वाली कलमुँही को ही बुला लेना ये गोबर से लिपे-पुते जूते साफ करने के लिए. मैँ तो चली अपने मायके, मेरी दयनीय हालत पे तरस खाने के बजाय बीवी बिना रुके लगातार बोले चली जा रही थी.
अब मैँ क्या इन गाय-भैंसो को जा-जा के इनवीटेशन देता फिरता हूँ कि यूं बीच सड़क पर गोबर और लीद करती फिरें? मैं गुस्से से खड़ा हो अपने हाथ झाड़ता हुआ बोला.
अच्छी भली डेयरियाँ बसा कर दी हैँ कोने-कोने में अपनी सरकार ने कि अपना आराम से दुहो और लोड कर ले आओ दूध शहर में लेकिन नहीं, लोगों को कीड़ा जो काटता है कि 'प्योर' माल होना चाहिए.
माँ दा सिर मिलता है प्योर, अभी कल ही तो हज़ारों लीटर नकली दूध पकड़ा गया है पता नहीं कास्टिक सोडे से लेकर टिटेनियम तक क्या-क्या उल्टी-सीधी चीज़ें मिलाते हैँ दूध का रंग और झाग बनाने के लिए और मैँने तो यहाँ तक सुना है कि दूध को गाढा करने के लिए यूरिया और ब्लाटिंग पेपर का इस्तेमाल किया जाता है
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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