Re: मियां बीवी live
"बिलकुल, पैसे के लालच में इनसान इतना अँधा हो चुका है कि वो किस हद तक नीचे गिर जाए, कुछ पता नहीं. पता नहीं क्या-क्या 'स्टेरायड' मिलाते हैँ स्साले चारे
में दूध बढाने के वास्ते"
"लेकिन ऐसे सभी को एक सिरे से बदनाम करने से क्या फायदा? सभी थोड़े ही नकली दूध बेचते हैँ. अपने मोहल्ले का रामगोपाल तो सबकी आँखों के सामने ही दूध दुह के देता है"
"मानी तुम्हारी बात कि सामने दुह के देता है लेकिन वो भी दूध का धुला नहीं है".
"वो कैसे?"
"वो ऐसे कि बेशक वो पब्लिक के आँखों के सामने अपनी गाय-भैंस से दूध
निकालने का स्वांग करें लेकिन सच यही है कि थोड़ा-बहुत पानी तो उसके डोल्लू में
पहले से मौजूद रहता है लेकिन पब्लिक को तो बस थन से धार निकलती दिखाई देनी
चाहिए. "डाईरैक्ट फ्राम दा सोर्स" भले ही सुबह शाम इंजैक्शन ठुकवा ठुकवा के
भैंस बेचारी का पिछवाड़ा क्यों ना सूजा पड़ा हो, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता"
"हम्म! ऐसे मौकों पर अपनी मेनका पता नहीं कहाँ गायब हो जाती है?"
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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