Re: मियां बीवी live
"तुम गाय भैंस का रोना रो रहे हो...सामने देखो दिवार कैसी सनी पडी है"बीवी बुरा
सा मुँह बना इशारा करती हुई बोली...
"स्साले!...न दिन देखते हैँ ना रात देखते हैँ…खाली दिवार दिखी नहीं कि बेशर्मों
की तरह सीधा पैंट की ज़िप पे हाथ गया"मैँने हाँ में हाँ मिलाई...
"कोई कंट्रोल-शंट्रोल भी होता है कि नहीं?"बीवी खुन्दक भरे स्वर में बोली...
"लाख लिखवा दो कि "यहाँ मूतना मना है" लेकिन स्साले!...वहीं खडे होकर धार
मारेंगे" मैँ भी शुरू हो गया...
"औरत-मर्द में कोई फर्क ही नहीं करते...ना देखते हैँ कि कौन गुज़र रहा है पास से
और कौन नहीं…शरम-वरम तो जैसे बेच खाई है सबने "भद्दा सा मुँह बनाते हुए बीवी
बोली...
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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