Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
एक दफा 1971 में मुंबई से किसी ख़ुफ़िया एजेंट ने खबर दी कि पानी के एक माल वाहक जहाज में वहां से अफीम की एक विशाल खेप लंदन भेजी जा रही है. जहाज के आने पर योगी को बुलाया गया लेकिन जांच पड़ताल में कुछ न मिला. जब योगी को ले कर शेअर्न जहाज से उतरने वाला था तो उसे वहां कस्टम विभाग में डाक में आई हुयी वस्तुओं का पहाड़ सा दिखाई दिया. वहां काम कर रहे एक मुलाजिम ने बताया, “सामान इतना अधिक है कि इसे टटोलने के लिये कम से कम 15 व्यक्ति चाहियें और 10 घंटे का समय भी.” उसने शेअर्न से पूछा, “आपके इस कुत्ते को कितना समय लगेगा?”
“ केवल दस मिनट,” शेअर्न ने उत्तर दिया.
सभी बोरों को दो समानांतर पंक्तियों में दूर तक सजा दिया गया. उसके बाद शेअर्न ने योगी के गले का पट्टा खोल दिया. उसने हाथ फिरा कर महसूस किया कि योगी का नाक गीला था और ठंडा हो रहा था. इसका मतलब यह था कि योगी को ड्रग्स का आभास हो गया था. उसने उसकी छाती पर दबाव दिया जो इस बात का इशारा था कि वह खोज में जुट जाये. योगी उन दोनों पंक्तियों में रखे हुये बोरों और सामान को दौड़ कर टटोलने लगा और हर बोरे को सूंघता जाता. अचानक वह एक बोरे को पंजों से खुरचने लगा और जोर जोर से भौंकने लगा. बोरे को खोला गया. इसमें रखे गये हर पार्सल को योगी की नाक के निकट लाया गया. इन्हीं में से एक खास पार्सल को ढूंढने में उसने कोई गलती नहीं की जिसमें अफ़ीम की खेप भेजी गयी थी.
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