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रेडियो ऑपरेटर की वजह से हुआ टाइटैनिक हादसा
करीब 96 साल पहले टाइटैनिक जहाज का रेडियो ऑपरेटर अगर निष्ठुर नहीं हुआ होता, तो हादसे को टाला जा सकता था और इसके 500 से अधिक यात्रियों को बचाया जा सकता था। यह खुलासा हाल ही में चैनल-4 पर प्रसारित एक वृत्तचित्र में किया गया है। इस वृत्तचित्र के अनुसार, टाइटैनिक के 25 वर्षीय रेडियो ऑपरेटर जैक फिलिप्स का समीपवर्ती जहाज एस एस कैलिफोर्नियन पर सवार उसके समकक्ष के साथ विवाद था।
एस एस कैलिफोर्नियन पर सवार रेडियो ऑपरेटर साइरिल इवान्स उसे 14 अप्रैल 1912 को उस क्षेत्र में मौजूद हिमखंड के बारे में चेतावनी देने के लिए प्रयासरत था। फिलिप्स ने तो जहाज के कुछ यात्रियों के लिए भेजे गए बधाई संदेशों को भी अवरूद्ध कर दिया था। सन में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि फिलिप्स ने 14 अप्रैल 1912 की रात एस एस कैलिफोनिर्यन के रेडियो ऑपरेटर इवान्स से कहा, 'गुस्से में आकर इवान्स ने अपने रेडियो उपकरण ही बंद कर दिए। इसके दस मिनट बाद ही टाइटैनिक समुद में तैरते विशाल हिमखंड से टकरा गया।
टाइटैनिक हादसे के दौरान एस एस कैलिफोर्नियन उससे मात्र 20 मील दूर था। लेकिन 15 अप्रैल 1912 को तड़के जब टाइटैनिक डूबा, तो उसके एसओएस और फिलिप्स सहित. 523 यात्रियों को बचाया नहीं जा सका। अनसिंकेबल टाइटैनिक कार्यक्रम के उद्घोषक को उद्धृत करते हुए एक ब्रिटिश टेबलायड में कहा गया है, दो घंटे में डूबा एस एस कैलिफोर्नियन उससे केवल 20 मील दूर था। सभी लोगों को बचाया जा सकता था। टाइटैनिक जहाज ने जब 1912 में अपना समुद्री सफर शुरू किया था, तब वह दुनिया का सबसे बड़ा यात्री जहाज था और उसमें उस दौर की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया था।
बहरहाल, पहली बार न्यूयार्क जा रहा टाइटैनिक 14 अप्रैल 1912 को समुद में तैरते विशाल हिमखंड से जा टकराया और दो घंटे 40 मिनट बाद, 15 अप्रैल 1912 को यह डूब गया। इतिहास के पन्नों पर यह हादसा सर्वाधिक भीषण नौवहन हादसे के तौर पर दर्ज है।
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