05-10-2013, 05:18 AM
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Re: मेरी पसंदीदा हिंदी फिल्में
रजनीगंधा
भारत में कहानियों और उपन्यासों पर आधारित कम ही फिल्में बनी हैं. अभी हाल में ही चेतन भगत ने उपन्यास थ्री मिस्टेक्स ऑफ़ माय लाइफ से प्रेरणा ले कर "काई पो चे" रिलीज़ हुई, जिसे दर्शको और फिल्म समीक्षकों ने काफी सराहा। ऐसा क्यों होता है जब भी फिल्म किसी कहानी और उपन्यास पर आधारित होती है ओवरआल अच्छी बन जाती है. चलिए एक उदहारण देता हूँ, अगर आप आई एम् डी बी के टॉप २५० फिल्मों की लिस्ट को देखेंगे तो पायेंगे तो इस लिस्ट की अधिकतर फिल्में किसी ना किसी उपन्यास पर आधारित या प्रेरणा लेकर बनी हैं. इसपर कभी किसी और दिन विस्तार से चर्चा करेंगे। फिलहाल इस वीकेंड पर जो मैंने फिल्म देखी, उसके बारे में यहाँ ब्लॉग करने जा रहा हूँ. फिल्म का नाम था, रजनीगंधा, हमारी पीढ़ी के बहुत सारे लोग इसको शायद रजनीगंधा पान मसाले के साथ कंफ्यूज ना कर जाए, तो मैं उनके लिए बता दूं, यह फिल्म १९७४ में रिलीज़ हुई थी, इसके निर्देशक थे बासु चटर्जी। फिल्म की पठकथा मन्नू भंडारी के एक प्रसिद्ध कहानी यही सच है पर आधारित थी. इसमें अमोल पालेकर, विद्या सिन्हा और दिनेश ठाकुर ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई थी. इस फिल्म को १९७५ का बेस्ट फिल्म का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला था. जब पूरा देश अमिताभ की मार धाड़ वाली फिल्मों के मज़े ले रहा था तो ऐसे में रजनीगंधा ने यथार्थवादी फिल्मों का एक नया ट्रेंड शुरू किया था और अमोल पालेकर उसके नायक बनकर उभरे थे.
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