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Old 03-11-2010, 12:07 AM   #34
jai_bhardwaj
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तुम्हारी आँख में आंसू तो मेरी आँख में भी हैं
मगर दोनों के आंसू में थोड़ी 'जय' खराबी है /
तनिक महसूस करलो तुम इन्हें हलके से छू करके
तुम्हारे आंसू ठन्डे हैं, मेरे आंसू में गर्मी है //
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

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