Re: पारख साहब के दिलचस्प किस्से
कच्ची मिट्टी की सुराही
‘first impression is the last impression’के विषय में बात चल रही थी तो पारख साहब ने हमें एक कहानी सुनाई जो बकौल उनके उनके पिता ने उनकी शादी से पहले सुनाई थी. इसमें बताया गया है कि पत्नि को जैसा शुरू में बनाओगे वह वैसी ही बन जायेगी. कहानी इस तरह है:
किसी जगह एक परिवार में पति – पत्नि, एक बेटा और एक पत्नि रहते थे. घर में पत्नि का राज चलता था. वह जो कह देती, उसमे रत्ती भर भी फेर बदल नहीं हो सकता था. पति की क्या मजाल कि वो चीं-चुपड़ कर जाए. इस वातावरण का बेटी पर भी असर होना स्वाभाविक था. वह भी अपनी माँ की तरह सोचती. जब वह जवान हुयी तो उसके विवाह की चर्चा चलने लगी. जो भी लड़का देखने आता उसकी माँ उससे खुले शब्दों में कह डालती कि यदि मेरी लडकी की हर बात को सर माथे ले कर चलोगे और उसके हुकम को राजा की आज्ञा मान कर काम करो तो उसी हालत में मेरी लडकी तुम से विवाह कर सकती है. बहुत से लड़के आते लेकिन शर्तों को सुन कर और निराश हो कर वापिस चले जाते.
खैर, एक युवक को लडकी जंच गई और वह हर शर्त मानने को मान कर शादी के लिए राजी हो गया. यहाँ तक कि उसने लडकी की माँ के कहने पर लिखित में उन शर्तों को पालन करने का वचन-पत्र भी दे दिया. इस लिखा पढ़ी के बाद शुभ मुहूर्त में उन्होंने लड़की की शादी उसी युवक से कर दी.
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