Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
‘‘साला, अमरूद्धवा तोड़ों हीं, पता हौ कि ऐजा हम रहो हिए।’’
‘‘छोड़, जादे मामा मत बन।’’
फिर क्या था, उसने आव देखा न ताव धड़ाम से मुझे जमीन पर पटक कर मेरे सीने पर सवार हो गयी। बाप रे बाप। लड़की थी-दुर्गा।
‘‘कैसे मर गेलै हो केतना साहसी लड़की हलई।’’
‘‘पता नै हलउ, उ फन्टुसबा से फंसल हलई। कहारनी होके बाभन से शादी के सपना देखो हलई, अरे यहां तो आम खाके गुठली फेंके के जुगाड़ हलई।’’
तब मुझे याद आया कि गांव में उन दिनों दोनों के फंसे होने की खूब चर्चा थी और एक बार मंदिर के बगल बाले रास्ते में मैंने दोनों को अर्धआलिंगन की अवस्था में देख लिया था। यही हथियार उस दिन काम आया जब फुलेना मेरे सीने पर सवार थी।
‘‘देख जादे मामा नै बन, भुला गेलहीं उ दिन हम तोड़ा औ फन्टुसबा के साथ साथ देखलिओ हल और केकरो नै कहलिऔ।’’
डसने झट हाथ हट लिया और खड़ा हो गई। पर जाते जाते धमकी दे गई कि आगे से इस तरफ दिखना भी नहीं। बहुत ही साहसी लड़की थी पर मर कैसे गई।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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