19-12-2013, 05:11 PM
|
#12
|
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
|
Re: वृद्ध किसी काम के नहीं होते ?.................
: दो वृद्ध पुरुष :
: तोल्सतोय :
: अनुवाद - प्रेमचंद :
मोहन-क्यों भाई, अब यात्रा करने का विचार कब है?
अजुर्न-जरा ठहरो। अब की वर्ष अच्छा नहीं लगा। मैंने यह समझा था कि सौ रुपये में मकान तैयार हो जाएगा। तीन सौ रुपये लगा चुके हैं अभी दिल्ली दूर है। अगले वर्ष चलेंगे।
मोहन-शुभ कार्य में देरी करना अच्छा नहीं होता। मेरे विचार में तो तुरंत चल देना ही उचित है, दिन बहुत अच्छे हैं।
अजुर्न-दिन तो अच्छे हैं, पर मकान को क्या करुं! इसे किस पर छोडूं?
मोहन-क्या कोई संभालने वाला ही नहीं, बड़े लड़के को सौंप दो।
अजुर्न-उसका क्या भरोसा है।
मोहन-वाहवाह, भला बताओ तो कि मरने पर कौन संभालेगा? इससे तो यह अच्छा है कि जीतेजी संभाल लें। और तुम सुख से जीवन व्यतीत करो।
अजुर्न-यह सत्य है, पर किसी काम में हाथ लगाकर उसे पूरा करने की इच्छा सभी की होती है।
मोहन-तो काम कभी पूरा नहीं होता, कुछ न कुछ कसर रह ही जाती है। कल ही की बात है कि रामनवमी के लिए स्त्रियां कई दिन से तैयारी कर रही थीं-कहीं लिपाई होती थी, कहीं आटा पीसा जाता था। इतने में रामनवमी आ पहुंची। बहू बोली, परमेश्वर की बड़ी कृपा है कि त्योहार बिना बुलाए ही आ जाते हैं, नहीं तो हम अपनी तैयारी ही करती रहें।
__________________
Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.
|
|
|