Re: कुछ पल जगजीत सिंह के नाम :देवराज के साथ
परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता,
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता,
बड़े लोगो से मिलने में हमेशा फासला रखना,
जहा दरिया समंदर से मिला दरिया नहीं रहता,
तुम्हारा शहर तो बिलकुल नए अंदाज़ वालाहाई,
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता,
मोहब्बत एक खुसबू है हमेशा साथ चलती है,
कोई इंसान तन्हाई में भी तनहा नहीं रहता..
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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