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rajnish manga
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Default Re: नेताओं के आँसू: असली या नक़ली

नेताओं के आँसू: असली या नक़ली

भारत के पहले प्रधान मंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को सरेआम रोने से नफ़रत थी.

सिर्फ एक बार उनकी आँखों में आँसू देखे गए थे, जब भारत चीन युद्ध के बाद लता मंगेशकर ने ज़रा आँख में भर लो पानी गीत गाया था.


दो वर्ष पूर्व जयपुर में कांग्रेस चिंतन शिविर में राहुल गाँधी ने यह कह कर सबको भावुक कर दिया कि जिस दिन उन्हें कांग्रेस का उपाध्यक्ष चुना गया, उनकी माता सोनिया गाँधी सुबह तड़के उनके कमरे में आंई और उनसे गले लग कर रोयीं.

इस क़िस्से को सुनकर कई कांग्रेसी नेता रोते देखे गए.


वक्त वक्त की बात है. इन्हीं राहुल गाँधी की दादी इंदिरा गाँधी को कम से कम सार्वजनिक तौर पर रोने से काफी परहेज़ था. वे पक्के इरादों वाली महिला के रूप में जानी जाती थीं

उनके छोटे पुत्र संजय गाँधी की मौत पर जब उनके साथी संवेदना व्यक्त करने गए तो वह यह देख कर हतप्रभ रह गए कि इतने बड़े सदमे के बाद भी उनकी आँखों में आँसू नहीं थे.

भारत के लोगों को वह दृश्य भूला नहीं है जब अपने बेटे की शव यात्रा के दौरान उन्होंने एक धूप का चश्मा लगा रखा था कि अगर उनकी आँखे नम भी हो रही हों तो देश के लोग यह न देख पाएं कि मानवीय भावनाएं उन्हें भी प्रभावित कर सकती हैं.


दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता लाल कृष्ण आडवाणी हैं जो बात बात पर इतने भावुक हो जाते हैं कि उनके आंसू थमने का नाम नहीं लेते.

अधिक पुरानी बात नहीं है जब उनकी पार्टी की ही उमा भारती ने उनकी तारीफ करनी शुरू की तो आडवाणी की आँखों से लगातार आँसू बहने लगे और उन्होंने उसे छुपाने की कोशिश भी नहीं की.


राजनेताओं में आडवाणी सबसे अधिक रोते हुए देखे गए हैं

केन्द्र में कांग्रेस सरकार के समय जब सुषमा स्वराज ने लोकपाल के मुद्दे पर लोकसभा में भाषण दिया तब भी आडवाणी अपने आप को रोक नहीं पाए और उनकी आँखें नम हो आयी थीं.


अभी भी कई देश ऐसे हैं जहाँ सार्वजनिक तौर पर रोना कमजोरी की निशानी माना जाता है. आँसुओं को बहने से रोकने की सफल कोशिश बहादुरी और पुरुषत्व की पहचान मानी जाती है.

मानवीय भावनाओं को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करना या न करना किसी राजनीतिज्ञ का अपना फ़ैसला हो सकता है लेकिन अगर इन्हें वोट बटोरने मात्र का एक तरीका मान लिया जाए तो इस पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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