Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
‘‘बगलुआ’’ यह मेरा नाम था जो मेरी फूआ की सास जैतपुरवली पुकारती थी। गांव के जीवन में भी बहुत सीखने और देखने को मिला। ऐसी ही एक घटना थी भूत की कहानी। आज रात को अचानक फूआ की सास जैतपुरवली के पेट में दर्द उठा और वह बेचैन हो गई। पहले घर में, फिर बाहर यह हल्ला मच गया कि जैतपुरवली को किचिन ने धर लिया।
‘‘की होलाई हो’’
‘‘किचिनिया पेटा में बच्चबा दे देलकै’’
मरकट्टी बाग में किचिनिया जैतपुरवली के पेटा में बच्चबा घुंसा देलकै, बेचारी छटपटा रहलखिन है’’
‘‘कखने होलई ई’’
‘‘संझिया, जानो हलखिन की मरकटी बगैचा में किचिन रहो है तभियो उधरे गेलखिन अब कने से भगत अइतै’’
मरकट्टी बागीचा गांव के बगल में ही आम का बागीचा था जिसके बारे में यह प्रसिद्धि थी कि शाम को वहां किचिन अर्थात भूत रहता है जो वहां से गुजरने वालों के पेट में बच्चा डाल देता है। गांव में एक गर्भवती महिला का निधन हुआ था जिसे वहीं जलाया गया था और लोग मानते थे की मरने के बाद वह किचिन बन गई है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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