Re: पौराणिक कथायें एवम् मिथक
रावन - कथा
रेड इंडियंस की लोक कथाओं का एक पात्र है ‘रावन’. इसे हम रावण भी कह सकते हैं क्योंकि यह भी हमारे रावण की तरह मायावी भी था और छल बल से भी काम लेता था. रावन को एक बार मालूम हुआ कि उस इलाके में मछेरे की एक रूपवती कन्या है जिसने अपने बक्से में चन्द्रमा को बंद कर रखा है. रावन के मन में लालच आ जाता है और वह चन्द्रमा को अपने कब्जे में करना चाहता है. वह एक चाल चलता है. वह अपनी माया से बेर के वृक्ष की निचली टहनी पर एक पत्ते के रूप में स्थित हो जाता है. मछेरे की लडकी जब उस पेड़ से बेर तोड़ने आती है तो पत्ती का रूप लिए रावन उसके ऊपर गिर जाता है और उसके शरीर में पहुँच जाता है. परिणामस्वरूप वह लड़की गर्भवती हो जाती है और कुछ समय बाद वह एक पुत्र को जन्म देती है. पुत्र की नाक बहुत लम्बी और झुकी हुयी है जसे पक्षियों की चोंच. कुछ बड़ा होने पर यह बच्चा उस बक्से के पास आता है जिसमे लड़की ने चन्द्रमा को बंद कर रखा था. उस पर चोंच मारते हुए कहता है कि मैं बक्से में बंद चमकता हुआ चन्द्रमा लूँगा.
बूढ़ा मछेरा और उसकी लड़की उसकी जिद पर कोई ध्यान नहीं देते थे लेकिन जब वह नहीं माना तो मछेरे ने अपनी लड़की से कहा कि वह बच्चे को चन्द्रमा से खेलने दे. लड़की अपना बक्सा खोलती है. बक्सा खुलते ही हर तरफ उजाला फ़ैल जाता है. लड़का चन्द्रमा को पकड़ लेता है, उसे बाहर निकालता है और जोर से कुछ कहता है. पूछने पर लड़की बतलाती है कि वह चन्द्रमा को ले कर तारों में जाना चाहता है. मछेरा कहता है कि बक्से का दरवाजा खोल दो और बच्चे को चाँद से खेलने दो. जैसे ही लडकी ने चाँद को बक्से में से बाहर निकाला, जैसे ही चन्द्रमा को बाहर निकाला गया, बच्चा रावन में परिवर्तित हो गया और चन्द्रमा को ले कर आकाश में उड़ गया. वहां जा कर उसने चन्द्रमा को तारों के बीच में टांग दिया. कहते हैं कि तब से चन्द्रमा प्रतिदिन तारों से संग आकर धरती पर अपनी रौशनी भेजता है.
Last edited by rajnish manga; 22-04-2013 at 11:05 AM.
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