Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
Quote:
Originally Posted by Kumar Anil
हुस्न पर हिजाब जो ओढ़ा तुमने ,
यूँ लगा चाँद बादल मेँ सिमट गया ।
मेरी हथेली पर जो तेरे अश्क का कतरा लुढ़का ,
यूँ लगा दर्द तेरा खुद आकर
मुझसे लिपट गया ।।
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wah kya bat kahi aap ne lagta hai chot gahri khayi hai
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तोडना टूटे दिलों का बुरा होता है
जिसका कोई नहीं उस का तो खुदा होता है
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