26-04-2013, 11:57 AM
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Re: सम-सामयिक घटना चक्र प्रकाशन (ssgcp dot com)
सुरों की मलिका शमशाद बेगम का निधन
- हिंदी सिनेमा की पहली पीढ़ी की लोकप्रिय पार्श्वा गायिकाओं में से एक शमशाद बेगम का 94 वर्ष की आयु में 23 अप्रैल, 2013 को मुंबई में निधन हो गया।
- 14 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में जन्मी शमशाद बेगम ने अपने गायन कॅरियर की शुरुआत पेशावर रेडियो, लाहौर से की तथा इसके कुछ वर्षों बाद 1944 में वह मुबंई आ गईं।
- मुंबई में शमशाद ने नौशाद अली, ओ.पी. नैयर, एस.डी. बर्मन, खेमचन्द्र प्रकाश तथा सी. रामचंद्रन जैसे महान संगीतकारों की मधुर धुनों पर अपनी सुरीली आवाज के साथ बेहतरीन तालमेल बिठाते हुए एक से बढ़कर एक नगमे गाए।
- उनके कालजयी गीतों में मेरे पिया गए रंगून, कजरा मोहब्बत वाला, ले के पहला-पहला प्यार, कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना तथा कभी आर कभी पार आदि सर्वाधिक लोकप्रिय हुए।
- मुगल-ए-आजम, मदर इंडिया, सीआईडी, बाबुल तथा किस्मत जैसी फिल्मों में अपने सुरों का जादू बिखेर चुकी शमशाद बेगम को वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा पदम श्री सम्मान प्रदान किया गया था।
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