Re: ९९.९ रेडियो हिंदी
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Originally Posted by khalid
नेकी और पुछ पुछ
बन सकती हैँ क्या बन गई तो सुरु हो जाइए
पहले मेरी पसन्द सुनाऐ
एक गजल हैँ पंकज उधास का
पीने वालो न छुपा कर पियो कभी इश्क और शराब को मिलाकर पियो
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जो सत्य विषय हैं वे तो सबमें एक से हैं झगड़ा झूठे विषयों में होता है।
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जिनके घर शीशो के होते हे वो दूसरों के घर पर पत्थर फेकने से पहले क्यू नहीं सोचते की उनके घर पर भी कोई फेक सकता हे -------------------------------------------- Gaurav Soni
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