Re: उमर ख़य्याम की रुबाइयाँ
Quote:
Originally Posted by soni pushpa
उमर ख़य्याम जी की रुबाइयों का अनुवाद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद भाई.
कितनी सटीक बात कही है इन पक्तियों में सच कहा है विधि के विधान को कोई नहीं टाल सकता
|
यह बात सही है कि उमर ख़य्याम की रुबाइयों में जीवन के विविध रूप तथा बहुत गहरी सच्चाइयाँ पढ़ने को मिलती हैं. यही कारण है कि इतनी शताब्दियों के बाद भी संसार भर में इन्हें पढ़ने वालों की कोई कमीं नहीं है. आपका धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|