Re: ज़ोरॉस्ट्रा या ज़रथुस्त्र
पारसी धर्म ईरान क बहुत पुराना धर्म है। ये ज़न्द अवेस्ता नाम के धर्मग्रंथ पर आधारित है। इसके प्रस्थापक महात्मा ज़रथुष्ट्र हैं, इसलिये इस धर्म को ज़रथुष्ट्री धर्म (Zoroastrianism) भी कहते हैं।
अवेस्ता : ज़न्द अवेस्ता के अब कुछ ही अंश मिलते हैं । इसके सबसे पुराने भाग ऋग्वेद के तुरन्त बाद के काल के हो सकते हैं । इसकी भाषा अवेस्तन भाषा है, जो संस्कृत भाषा से बहुत, बहुत मेल खाती है ।
पारसी धर्म की शिक्षा हैः हुमत, हुख्त, हुवर्श्त जो संस्कृत में सुमत, सूक्त, सुवर्तन अथवा सुबुद्धि, सुभाष, सुव्यवहार हुआ।
प्राचीन फारस (आज का ईरान) जब पूर्वी यूरोप से मध्य एशिया तक फैला एक विशाल साम्राज्य था, तब पैगंबर जरथुस्त्र ने एक ईश्वरवाद का संदेश देते हुए पारसी धर्म की नींव रखी।
जरथुस्त्र व उनके अनुयायियों के बारे में विस्तृत इतिहास ज्ञात नहीं है। कारण यह कि पहले सिकंदर की फौजों ने तथा बाद में अरब आक्रमणकारियों ने प्राचीन फारस का लगभग सारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक साहित्य नष्ट कर डाला था। आज हम इस इतिहास के बारे में जो कुछ भी जानते हैं, वह ईरान के पहाड़ों में उत्कीर्ण शिला लेखों तथा वाचिक परंपरा की बदौलत है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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