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Originally Posted by dr.shree vijay
गम के सागर में कभी डूब ना जाना
कभी मंजिल ना मिले तो टूट ना जाना
ज़िन्दगी में अगर महसूस हो कमी दोस्त की
अभी मैं ज़िंदा हूँ, यह भूल ना जाना.......
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नहीं निगाह मे मंज़िल तो जुस्तजू ही सही.
नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही.....