Re: छींटे और बौछार
मेरे दोस्त जो दौराने सफ़र साथ चले थे
कितनी ही दुआओं के असर साथ चले थे
जितनी भी बदगुमानियां मेरे साथसाथ थीं
मिट गयीं जो हर्फ़-ए-'शरर' साथ चले थे
(रजनीश मंगा 'शरर')
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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