Re: इधर-उधर से
चिरंजीत और उनका “ढोल की पोल”
ऊपर आपको स्व. चिरंजीत और उनके लोकप्रिय रेडियो नाटक “ढोल की पोल” के बारे में जानकारी दी गयी जो 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान आल इंडिया रेडियो के दिल्ली केंद्र से प्रतिदिन प्रसारित होता था. युद्धबंदी के बाद इसे बंद कर दिया गया. वर्ष 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (जो अब बांग्ला देश है) में चलाये गए दमन चक्र के मद्देनज़र और 90 लाख शरणार्थियों के भारत में आ जाने के बाद पाकिस्तान की साख कम होने लगी. इससे उबरने के लिए उसने भारत पर आक्रमण कर दिया. इस बार भी पाकिस्तान को हार का मुँह देखना पड़ेगा. इस सन्दर्भ में मैं आपको बता रहा था कि 1965 की तरह ही इस बार भी युद्ध के दिनों श्री चिरंजीत द्वारा रचित ‘रेडियो झूठिस्तान’ प्रसारित हुआ और उसी प्रकार जनता द्वारा सराहा गया. चिरंजीत के इस लोकप्रिय रेडियो नाटक और उनकी अन्य साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें सन 1972 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किया गया.
आज श्री चिरंजीत की पुण्य तिथि पर हम उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 09-11-2015 at 07:07 PM.
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