Re: अहिंसा का सिद्धान्त
अहिंसा का नाम गाँधी जी से इस कदर जुड़ा हुआ है कि अहिंसा की चर्चा छिड़ते ही सम्पूर्ण विश्व के लोग सबसे पहले गाँधी जी को ही याद करते हैं।
अहिंसा के प्रवर्तक-प्रचारक गाँधी जी के अतिरिक्त भगवान महावीर ने भी अहिंसा के बारे में कुछ तथ्य स्थापित किए हैं। आइए, जानते हैं भगवान महावीर के अहिंसा के सिद्धान्त के बारे में-
भगवान महावीर : अहिंसा के सिद्धांत
दूसरे के दुःख दूर करना ही अहिंसा है।
भगवान महावीर ने दूसरे के दुःख दूर करने की धर्मवृत्ति को अहिंसा धर्म कहा है। महावीर के अनुसार अहिंसा के सिद्धांत में समाहित है मानवीय संवेदनाओं की पहचान, जीवन-मूल्यों और आदर्शों की महक और सात्विक वृत्तियों का प्रकाश।
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