राखी है नाम
राखी है नाम भाई का बहनों को बचाना
राखी है नाम मर्द का औरत को बचाना
राखी है नाम अजनबी को बहन बनाना
फिर बहन की रक्षा में जी जान लगाना
पर यहाँ तो दस्तूर हैं हैवानों के जारी
खुद अपने ही होते हैं कई बार शिकारी
हर एक की जुबां पे हैं माँ बहन की गाली
हर एक जबां गंदी है हर आँख है काली
हे भाई तू सब बहनों की रक्षा सदा करना
दुशासनों की दुनिया में श्रीकृष्ण तुम बनना
हर द्रौपदी के सर पे अपना हाथ बढ़ाना
मानवता क्या होती है ये दुनिया को दिखाना
इतना था कहना उसका कि वो मंद हो गई
इस भाई के हाथों में वो विलीन हो गयी
दुनिया के सफर को यहीं पे खत्म कर चली
भगवान की गोदी में कहीं दूर हो चली…
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Last edited by rafik; 30-07-2014 at 04:25 PM.
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