क्या आप जानते हैं कि:-
रवीना टंडन किसी समय फिल्म का निर्देशक बनना चाहती थीं. वह बताती हैं, “जब मैं छोटी थी तब मैं हर शूटिंग में पापा के साथ होती थी. मैं उनसे पूछती कि 18 के लेंस में डायरेक्टर कितना हिस्सा पकड़ पाता है और 40 के लेंस में कितना हिस्सा दिखाई देता है. लेंस, क्लोज़ अप और लॉन्ग शॉट के बारे में भी मैं पिता जी से प्रश्न करती रहती थी. पापा को भी लगता था कि मुझमे अच्छे डायरेक्टर के सभी गुण मौजूद हैं.
अपने स्वभाव के बारे में वह कहतीं- पापा (फिल्म निर्देशक रवि टंडन) ने चवन्नी की दाल-रोटी खा कर अपने करियर की शुरूआत की थी. यही खुद्दारी (स्वाभिमान) मुझमे भी है. यही वजह है कि मैं अपने पापा की पूजा करती हूँ. मैंने उनसे वचन ले लिया था कि वे किसी भी निर्माता या निर्देशक से मुझे काम देने के लिए कोई सिफारिश नहीं करेंगे.