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Old 10-01-2013, 07:56 AM   #2
bindujain
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Default Re: खबरे कुशह हट के

मुसीबत में फंसी लड़कियों का 'बॉडीगार्ड' मोबाइल



मुंबई।। क्या आप सुनसान सड़कों पर चलते हुए असुरक्षित महसूस कर रही हैं? ऐसे में क्या आप किसी सुपरहीरो से मदद की उम्मीद करती हैं? यह सवाल एक स्मार्टफोन ऐप्लिकेशंस सेंटिनल के डेमो विडियो में पूछा जा रहा है। यह महिलाओं के लिए वर्चुअल सिक्योरिटी असिस्टेंट है। विडियो में दिखाया गया है कि एक अकेली लड़की सुनसान सड़क पर जा रही है। वह फोन पर एक बटन दबाती है और वहां अगले ही मिनट एक पुलिस वैन आ जाती है। इससे संभावित हमलावर भाग खड़ा होता है। यह सब सेंटिनल की वजह से होता है।

इस ऐप्लिकेशंस को केरल के एक कॉलेज ड्रॉपआउट और उनके दोस्तों ने तैयार किया है। पिछले दिनों दिल्ली में गैंगरेप के बाद भारतीय शहरों को सुरक्षित बनाने के लिए टेक्नॉलजी बेस्ड सॉल्यूशंस आ रहे हैं। कोच्चि से लेकर मुंबई-दिल्ली के बोर्डरूम में टेकसेवी इंडिया इनोवेटिव मोबाइल एप्स और वेबसाइट लॉन्च कर रहा है, ताकि असुरक्षित जगहों पर लोगों को सचेत किया जा सके।

मोबाइल एप्स सेंटिनल, महिंद्रा ग्रुप कंपनी कैनवासएम की फाइटबैक, मुंबई पुलिस और केपीएमजी की आईसीई संकट में फंसे लोगों की लोकेशन का पता लगाने के लिए मोबाइल फोन के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन एप्स की मदद से मोबाइल के एक बटन को टच कर अलर्ट भेजा जा सकता है। आमतौर पर संकट के समय लोग घबराहट में फोन कॉल नहीं कर पाते हैं।मुंबई पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने बताया, 'इस तरह की टेक्नॉलजी से पुलिस को अपराध की जगह पहचानने और वहां पहुंच तक पहुंचने में मदद मिलेगी।' सिंह ने कहा, 'किसी घटना के होने और उस पर रिस्पॉन्स करने के बीच लगने वाला समय कम किया जा सकेगा। टेक्नॉलजी की मदद से न सिर्फ जगह की पहचान हो सकती है, बल्कि घटना को होने से रोका भी जा सकता है।'

आईसीई को केपीएमजी ने डिवेलप किया है। इसे मुंबई पुलिस की वेबसाइट से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। बटन दबाते ही डिस्ट्रेस अलर्ट चला जाएगा। इसमें 30 सेकेंड का अलार्म और लोकेशन डिटेल्स के साथ एसएमएस भी पहुंच जाएगा। महिंद्रा ग्रुप कंपनी कैनवाइसएम ने फाइटबैक डिवेलप किया है। यह एक कदम आगे बढ़कर फेसबुक को इंटीग्रेट करता है। ऐसे में जब कोई यूजर अलर्ट भेजता है, तो उसका फेसबुक स्टेटस तुरंत अपडेट हो जाता है। जैसे ही एसएमएस में फेसबुक मेसेज या हाइपरलिंक आता है, वैसे ही यह अलर्ट टाइम के साथ गूगल मैप्स पर लोकेशन दिखा देता है।

पहले फाइटबैक 100 रुपए में डाउनलोड किया जा सकता था, लेकिन दिल्ली की घटना घटने के बाद ग्रुप ने इस फ्री करने का फैसला किया है। यह सुझाव कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा को उनके फॉलोअर ने ट्विटर पर दिया था। कैनवासएम के सीईओ जगदीश मित्रा ने बताया, 'यह एप्स सिर्फ स्मार्टफोन पर काम करेगा। हालांकि, अगला वर्जन बेसिक फोन पर भी काम करेगा।'

मुंबई पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने बताया, 'इस तरह की टेक्नॉलजी से पुलिस को अपराध की जगह पहचानने और वहां पहुंच तक पहुंचने में मदद मिलेगी।' सिंह ने कहा, 'किसी घटना के होने और उस पर रिस्पॉन्स करने के बीच लगने वाला समय कम किया जा सकेगा। टेक्नॉलजी की मदद से न सिर्फ जगह की पहचान हो सकती है, बल्कि घटना को होने से रोका भी जा सकता है।'

आईसीई को केपीएमजी ने डिवेलप किया है। इसे मुंबई पुलिस की वेबसाइट से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। बटन दबाते ही डिस्ट्रेस अलर्ट चला जाएगा। इसमें 30 सेकेंड का अलार्म और लोकेशन डिटेल्स के साथ एसएमएस भी पहुंच जाएगा। महिंद्रा ग्रुप कंपनी कैनवाइसएम ने फाइटबैक डिवेलप किया है। यह एक कदम आगे बढ़कर फेसबुक को इंटीग्रेट करता है। ऐसे में जब कोई यूजर अलर्ट भेजता है, तो उसका फेसबुक स्टेटस तुरंत अपडेट हो जाता है। जैसे ही एसएमएस में फेसबुक मेसेज या हाइपरलिंक आता है, वैसे ही यह अलर्ट टाइम के साथ गूगल मैप्स पर लोकेशन दिखा देता है।

पहले फाइटबैक 100 रुपए में डाउनलोड किया जा सकता था, लेकिन दिल्ली की घटना घटने के बाद ग्रुप ने इस फ्री करने का फैसला किया है। यह सुझाव कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा को उनके फॉलोअर ने ट्विटर पर दिया था। कैनवासएम के सीईओ जगदीश मित्रा ने बताया, 'यह एप्स सिर्फ स्मार्टफोन पर काम करेगा। हालांकि, अगला वर्जन बेसिक फोन पर भी काम करेगा।'
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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