Re: एवरेस्टः यहां मौत पर चलते हुए भी थमते नहीं
इस अभियान के एक दूसरा प्रेरणादयी प्रसंग भी है। इस अभियान के लीडर कर्नल हंट थे। हंट ने खुद पीछे रहकर इस अभियान का सफल नेतृत्व किया था। वह चाहते तो चोटी पर चढ़ने वाली टीम का हिस्सा बन सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा न करके अपनी दो बेस्ट टीमें बनाईं। पहली टीम बोरडिलन, ईवान्स की। दूसरी हिलरी और तेनजिंग की।
बोरडिलन और ईवान्स चोटी पर चढ़ नहीं पाए। उन्होंने नीचे उतरते हुए हिलरी और तेनजिंग को ऊपर के हालात की जानकारी दी। कुछ-कुछ ऐसा ही जैसा मैच में जीत के करीब पहुंचा अनुभवी क्रिकेटर नए बल्लेबाज को समझाता और हौसला बंधाता है। शिखर पर चढ़ने वक्त तेनजिंग और हिलरी को उनके ये टिप्स बहुत काम आए। कितने महान संदेश छिपे हैं इन वाक्यों में!
आज इस बात को 63 साल पूरे हो चुके हैं। आज एडमंड हिलरी नहीं हैं। तेनजिंग नॉरगे भी विदा ले चुके हैं। लेकिन चोमो लुंगमा वैसा ही खड़ा है। दृढ़। इंसान को चुनौती देता। और एक चीज जो वैसी ही है, वह है नॉरगे और हिलरी का हौसला। जो उन पर्वतारोहियों में झलकता है, जिनके कदम मौत की खबरें सुनने के बाद भी ठिठकते नहीं।
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