Re: पिता
आज जब तमाम शहरों में बेटी के पैदा होने पर परिजनों के चेहरे मुरझा जाते हैं, लोग दुधमुंही बच्ची को लावारिस छोड़ कर भाग जाते हैं, ऐसे में गरीब बबलू का बेटी से लगाव एक उदाहरण पेश करता है।
बबलू का कहना है “शांति तो इस दुनिया में नहीं है, लेकिन मेरी हसरत है ये उसकी धरोहर फूले फले, मेरा सपना है उसे बेहतरीन तालीम मिले। हमारे लिए वो बेटे से भी बढ़ कर है।”
समाज से उसे मदद मिलने के प्रश्न पर बबलू कहता है 'हमदर्दी के अल्फाज तो बहुत मिले, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली। रिश्तेदारों ने भी कोई मदद नहीं की।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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