View Single Post
Old 30-04-2013, 10:23 PM   #137
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

कालेधन की समस्या पर नियंत्रण के आसार

भारत और अमेरिका के बीच एक ऐसा करार होने की तैयारी चल रही है जिसमें अमेरिकी नागरिकों द्वारा भारतीय बैंकों में जमा धन की जानकारी मिल सकेगी। करार के तहत भारत भी यह जान सकेगा कि अमेरिकी बैंकों में किन-किन भारतीयों का कितना धन जमा है। अगर यह करार हो जाता है तो काले धन की समस्या पर थोड़ा नियंत्रण जरूर लगेगा। अमेरिका इस मामले में अपने एक कानून के तहत भारत से एक करार करना चाहता है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) फिलहाल अमेरिका के इस अंतर सरकार करार (आईजीए) के मसौदे की जांच कर रहा है। वित्त मंत्रालय ने भी भारतीय रिजर्व बैंक से प्रस्तावित आईजीए पर उसके विचार और सुझाव मांगे हैं। सेबी, रिजर्व बैंक और अन्य अंशधारकों के सुझाव हासिल करने के बाद अंतिम आईजीए वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाएगा। यह करार अगले वर्ष के प्रारंभ तक लागू हो जाएगा। करार लागू होने के बाद अमेरिकी कर विभाग और आंतरिक राजस्व सेवा को अमेरिकियों के विदेशों में खातों और अन्य संपत्तियों की जानकारी मिल सकेगी। भारत को भी अमेरिका इसी प्रकार की सहायता देगा। दरअसल जिस तरह से की काले धन को छिपा कर दूसरे देशों में जमा करने की प्रवृति जिस तरह से बढ़ती जा रही है उसको देखते हुए इस तरह के करार अब आवश्यकता बनते जा रहे हैं। दुनिया के तमाम बड़े देशों में यह समस्या बड़ा रूप लेती जा रही है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। अक्सर आरोप लगते हैं कि बड़ी संख्या में भारतीयों ने काला धन स्विस बैंकों में जमा कर रखा है लेकिन किसी प्रकार की संधि न होने के कारण जमा धन का आंकड़ा भारत को नहीं मिल पाता है। काले धन को छिपाने का यह जरिया सभी के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। ऐसे में अगर भारत और अमेरिका के बीच यह करार हो जाता है तो अन्य देशों से भी इसी तरह के करार के रास्ते खुलेंगे और समस्या के समाधान की राह कुछ आसान होगी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote