Re: पैसा----- या------ प्यार
[QUOTE=Shikha sanghvi;547721]Bahot hi badhiya topic hai pushpaji.....
Humari nazar Mai paisa or pyar dono Mai se adhick hum pyar ko ahemiyat dete hai....jaise ki Aapne kaha ki paise ke liye apne hi apne se ladte paye jate hai...Jisse Hume bahot hi durd hota hai...agar pyar aapke jivan Mai nahi hai to paise ka kya karoge....?
Pyar agar saath hai to har durd khushi Mai tabdil hai....pyar se hi ye duniya rangin lagti hai...aankhe Naye Aapne sapne sajati hai....[/QUO
सबसे पहले बहुत बहुत धन्यवाद शिखा जी इस बहस में भाग लेने के लिए आपके विचारो से मै सहमत हूँ शिखा जी .. आज कई लोगो को पैसों की दुनिया में लोटते देखा है. इतना पैसा होता है उनके पास किन्तु मन की शांति जरा भी नही ,, सिरफ़ दिखावा होता है उनकी लाइफ में भले बड़ी बड़ी पार्टियाँ करते है एइसे लोग दिनभर लोगों से घिरे होते हैं किन्तु उनके पास सच्चे प्यार के रिश्ते नही होते जो की एक bhai बहन के बीच , माँ बेटे के बीच, एक पति पत्नी के बीच बाप बेटे के बीच का प्रेम और सौहार्द्य उनके पास नही होता वो अन्दर से बहुत अकेले हुआ करते हैं और उन्हें दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है जीने के लिए इसलिए मेरा मानना है की --जीने के लिए जितना पैसा जरुरी है उतना ही अपनो का साथ होना अपनो का प्रेम होना फिर वो किसी भी रिश्ते का क्यों न हो साथ रहना जरुरी है . इसलिए इतना कहूँगी की जो लोग पैसे के लिए आपनो को ठुकराते हैं वो अपनों की कदर करे न की उन्हें उलाहना दें उनसे दूर हों ...
Last edited by soni pushpa; 30-01-2015 at 09:05 PM.
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