Re: My Hindi Forum के सदस्यों की उपस्थिति
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Originally Posted by teach guru
काफी समय बाद, आज हाजिर हूँ मित्रों।
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नमस्कार गुरु जी. आप ज्ञान का जो अतुल्य भण्डार यहाँ छोड़ कर गए है उसे कौन भुला सकता है? उम्मीद है उस श्रंखला को आगे बढ़ाते रहेंगे. हार्दिक धन्यवाद.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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