Re: गायत्री उपासना-शंकाएँ एवं समाधान
देवताओं के त्रिदेव प्रमुख हैं। ब्रह्मा, विष्णु, महेश की उत्पादक, पोषक, संहारक शक्ति के द्वारा ही इस विश्व को जीवन, विकास एवं परिवर्तन की प्रक्रिया चल रही है। इन तीन देवों की अपनी निज की क्षमता नहीं वरन् वह आद्यशक्ति भगवती से ही उधार ली गई है। चन्द्रमा की चमक अपनी नहीं, वह सूर्य की आभा से चमकता है और उस आभा का प्रतिबिम्ब हमें चन्द्रमा की चंद्रिका के रूप में परिलक्षित होता है।
इस तथ्य का उपरोक्त पुराण में कतिपय कथा उपाख्यानों द्वारा इस प्रकार प्रतिपादन किया गया है-
__________________
************************************
मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
*************************************
|