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Originally Posted by rajnish manga
अरविंद जी ने ऊपर बहुत श्रेष्ठ विचार व्यक्त किये है. मैं भी नए वर्ष की पूर्व संध्या पर कुछ विचार रखना चाहता हूँ. कृपया ध्यान रखें कि इनके लिए कोई प्रण या प्रतिज्ञा करने की आवश्यकता नहीं है. हाँ, इनके प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की जरुरत होगी. ऐसा करने से समाज की विघटनकारी ताकतों को निर्बल करना आसान हो जायेगा. तो आइये, निम्न बिन्दुओं पर दृष्टि डालते हुए इन पर मनन करें:
1. हम अपने झूठे अहम् से मुक्ति पायें.
2. मानवमात्र से ही नहीं बल्कि प्राणीमात्र से प्यार करें.
3. महिलाओं व बच्चों के प्रति विनम्रता का भाव रखें और वैसा ही बर्ताव करे.
4. माता-पिता तथा बुजुर्गों की इज्ज़त करें.
5. सहयोग और साहचर्य की भावना का अपने अंदर विकास करे.
6. अपने अधिकारों की बात करने से पहले देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भी याद रखें और उनका पालन करें.
7. दूसरे लोगों द्वारा आपके मत से भिन्न मत व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान करें और उसकी रक्षा करें.
8. अच्छी पत्र-पत्रिकायें व पुस्तकें पढ़ें.
9. समाज की हर समस्या के लिये देश को दोषी न ठहरायें.
10. प्रश्न करने के साथ साथ उसका संभावित उत्तर व समाधान भी सुझायें.
बहुत बहुत धन्यवाद. आप सभी को नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें.
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बहुत सुन्दर विचार रजनीशजी !
प्रण से तात्पर्य मेरा यही है ! यथा योग्य व यथा शक्ति पालन से तात्पर्य है !!
प्रण इतना सहज होना चाहीये की वो बन्धन ना लगे !