Re: इधर-उधर से
जिन्हें अक्सर मिसाल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है उनमे से निम्नलिखित शे’र विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं:
1. खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले
ख़ुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
2. हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा
(शायर: अल्लामा मौ. इक़बाल)
निम्नलिखित संस्कृत सूक्तियों पर भी कृपया दृष्टिपात करें:
1. उत्तापकत्वं हि सर्वकार्येषु सिद्धिनां प्रथमोsन्तराय:
(नीति वाक्यामृतम = 10/134)
भावार्थ: उत्तेजित होना सभी कार्यों की सिद्धि में प्रथम विघ्न है.
2. पापोनृषद्वरो जनः
(ऐतरेय ब्राह्मण = 33/3)
भावार्थ : अकर्मण्य मनुष्य श्रेष्ठ होते हुए भी पापी है.
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